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News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies

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DAINIK JAGRAN

1.

बिहार में जारी रहेगा मतदाता सूची का सघन पुनरीक्षण

बिहार में चल रहा मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई है। जस्टिस सुधांशु धूलिया एवं जोयमाल्या बाग्ची की पीठ ने माना, चुनाव आयोग को मतदाता सूची का सघन पुनरीक्षण करने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन उन्होंने प्रक्रिया के समय को लेकर सवाल उठाया। कहा, चुनाव से ऐन पहले यह हो रहा है, इसलिए यह आशंका हो सकती है कि अगर किसी का नाम कटता है तो उसे सुनवाई के लिए समय मिलेगा या नहीं। कोर्ट ने मतदाता सूची में शामिल होने के लिए तय 11 दस्तावेज की सूची को लेकर भी चुनाव आयोग से प्रश्न किए। पीठ ने अंतरिम आदेश में इसमें आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र व राशन कार्ड को भी शामिल करने पर विचार करने को कहा। इससे बड़े मतदाता वर्ग को राहत मिल सकती है। ज्यादातर जनसंख्या के पास यही दस्तावेज हैं। 28 जुलाई को कोर्ट फिर सुनवाई करेगा।


2.

अर्बन नक्सल की धरपकड़ के लिए महाराष्ट्र में विशेष कानून

महाराष्ट्र विधानसभा ने गुरुवार को महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक 2024 को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान की। इसका उद्देश्य शहरी नक्सलवाद को रोकना है। विधेयक पेश करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र में 64 कट्टरपंथी संगठन है, जो कि देश में सर्वाधिक हैं। सख्त कानून नहीं होने से इनमें से किसी पर भी अब तक शिकंजा नहीं कसा जा सका। ज्ञात हो, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र इस सख्त अधिनियम को लागू करने वाला पांचवां राज्य है। इससे अवैध गतिविधियों को रोकने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।


3.

राशन कार्ड पर होगा विचार, पहले से लिए जा रहे आधार व इपिक

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही चुनाव आयोग से बिहार में मतदाता सूर्चा के - सत्यापन के वैरान मांगे जाने वाले दस्तावेज में आधार, मतदाता पहचान पत्र (इपिक) व राशन कार्ड की शामिल करने पर विचार करने को कहा है। हकीकत यह है कि वह पहले से ही सत्यापन से जुड़े गणना फार्मों के साथ आधार व मतदाता पहचान पत्र का ब्योरा मतदाताओं से मांग रहा है। यह बात अलग है कि वह अब तक 11 अन्य दस्तावेज की सूची में से किसी एक को मांग भी कर रहा है।


4.

प्रत्येक पांच से 10 किमी के दायरे में होंगे पीएम-श्री या उसके जैसे स्कूल

पीएम-श्री स्कूलों के जरिये स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, उसे देखते हुए और भी पीएम-श्री या उसके जैसे स्कूल विकसित करने की पहल तेज हुई है। आने वाले दिनों में प्रत्येक पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में ऐसे और स्कूल खोले जा सकते हैं। शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों के रुझान को देखते हुए इस दिशा में पहल तेज की है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ऐसे और स्कूलों को खोलने का एलान किया जा सकता है। वैसे भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत 2025 तक प्रत्येक पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल क्लस्टर या कांप्लेक्स बनाने की सिफारिश की गई है।


5.

चीन-पाकिस्तान का खतरनाक गठजोड़

आपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारतीय सैन्य बल पाकिस्तान को सबक सिखाने में जुटे हुए थे तो चीन की ओर से उसे पूरी मदद मिल रही थी। केवल सैन्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने में भी चीनी मीडिया पुरजोर प्रयासों में लगा था। इसमें एक कारण उन चीनी हथियारों की कथित सफलता को रेखांकित करना भी था, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना कर रही थी। पाकिस्तान को चीन के हथियारों से लेकर तकनीकी समर्थन का बढ़ता सिलसिला भारत की चुनौतियां बढ़ाने वाला है। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने हाल में चीन-पाकिस्तान की इस दुरभिसंधि के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन के अलावा साइबर आपरेशन और नेटवर्क आधारित वारफेयर एलिमेंट्स पर चीनी सैन्य प्रतिष्ठान की छाप दिखी। उन्होंने यह भी कहा कि चीनी आइएसआर सिस्टम ने पाकिस्तानी सैन्य बलों को रियल टाइम डाटा, वस्तुस्थिति से जुड़ी जानकारियां और निगरानी क्षमताएं भी उपलब्ध कराई। यहां तक कि मछली पकड़ने वाले चौनी बेड़े का इस्तेमाल भी भारतीय नौसेना पर नजर रखने के लिए किया गया।


6.

हिमालय में बढ़ रहा भूस्खलन का खतरा

अभी तो बरसात शुरू हुई है, लेकिन उत्तराखंड में पहाड़ों के रौद्र रूप से वहां कई जगह जीवन थम गया। चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग आदि में बरसात के साथ पहाड़ लुढ़क रहे हैं। चार धाम यात्रा का मार्ग बार-बार पत्थर-पहाड़ गिरने से बाधित हो रहा है। जोशीमठ जैसे कस्बों पर धंसने का संकट नए सिरे से खड़ा हो गया है। सरकार की चिंता है कि भू विज्ञानियों ने जो इलाके नए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किए हैं, वहां सड़क, बिजली, रेल जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। चारधाम यात्रा रूट पर भूस्खलन जोन सिरदर्द बनते जा रहे हैं। ऋषिकेश से बदरीनाथ यात्रा रूट पर कुल 54 लैंडस्लाइड जोन हैं। यहां कई बार भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। बेहतर सड़कों, सुविधाओं के कारण यहां भीड़ आ रही है, जो और बढ़ती रहेगी। उत्तराखंड जैसी स्थिति हिमाचल प्रदेश की भी है। हाल में मंडी में भूस्खलन की खौफनाक घटनाएं सामने आईं।


7.

सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण की चुनौती

शाथद ही कोई ऐसा दिन हो जब हमें सड़क दुर्घटनाओं के समाचार अखबारों में न दिखें। एक ऐसा अदृश्य संकट जो हमारी सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था, हमारा सोच और हमारे परिवारों को गहराई तक प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट (2023) बताती है कि हर साल लगभग 11.9 लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। यह आंकड़ा चिंता का विषय है, खासकर तब जब इनमें से 90 प्रतिशत मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। भारत, दुर्भाग्यवश इस संकट का केंद्र बन चुका है। वर्ष 2023 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं से 1.73 लाख मौतें दर्ज की गईं यानी प्रतिदिन लगभग 474 जानें। यह केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि हर दिन 474 परिवारों की टूटती उम्मीदें हैं।


8.

अमेरिका से ट्रेड डील पर फिर होगी बात

अमेरिका ने इस सप्ताह 20 से अधिक देशों के लिए शुल्क की घोषणा कर दी है, लेकिन भारत के साथ शुल्क की तस्वीर का साफ होना बाकी है।


9.

भारत ने डब्ल्यूटीओ में पारस्परिक शुल्क लगाने के प्रस्ताव को बदला

भारत ने इस्पात और एल्युमिनियम पर अमेरिकी शुल्क को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के तहत पारस्परिक शुल्क लगाने के अपने प्रस्ताव को संशोषित किया है। अमेरिकी सरकार के शुल्क में और वृद्धि के मद्देनजर यह कदम उठाबा गया है। अमेरिका ने पहली बार 12 मार्च को एल्यूमिनियम, इस्पात और उससे तैयार वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। तीन जून को शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया।


10.

तेल खोजने वाली कंपनियां आयल फील्ड में लगा सकेंगी नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र

सरकार ने देश में तेल और गैस खोज में दिग्गज अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों को लुभाने के लिए पेट्रोलियम व नेचुरल गैस नियम, 2025 में संशोधन का मसौदा जारी किया है। इसके तहत भारत में तेल खोज में सफलता हासिल करन वाली कंपनियों को अपने आयल फील्ड में सोलर, विंड, हाइड्रोडन या दूसरे नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के प्लांट लगाने की इजाजत दी जाएगी। भारत में तेल फील्डों के नियमन को लेकर पहले से लागू द आयलफील्ड्स एक्ट, 1948 को कुछ महीने पहले संशोधित किया गया है। अब एक बार फिर से व्यापक संशोधन का मसौदा जारी किया गया है।


11.

कपास संकट ने बढ़ाया कपड़ा उद्योग पर दबाव

कपास उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में अग्रणी है, मगर लगातार गिरती पैदावार और बढ़ते कीट प्रकोप के चलते गंभीर कृषि संकट से जूझ रहा है। 2019-20 के बाद देश में कपास उत्पादन में तेज गिरावट आई है। इससे किसानों की आय पर असर पड़ा है। निर्यात कम हो गया है और वस्त्र उद्योग पर दबाव बढ़ रहा है। केंद्र सरकार शुक्रवार को कोयंबटूर में किसानों एवं कृषि विज्ञानियों के साथ बड़े स्तर पर विमर्श करने जा रही है। इसमें उत्पादकता बढ़ाने पर गंभीर चिंतन होगा, क्योंकि रकबे में पहले नंबर पर होने के बाद भी उत्पादकता में भारत का स्थान दुनिया में 36वां है। सरकार एचटीबीटी (हर्बीसाइड टालरेंट बीटी) कपास को वैध करने पर भी विचार कर सकती है, ताकि वर्तमान रकबे में ही पैदावार बढ़ सके। यह जैव-प्रौद्योगिकी आधारित किस्म है, जिसे कीट और खरपतवार दोनों से बचाने के लिए विकसित किया गया है।


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DAINIK JAGRAN (11 Jul 2025) | Daily News Highlights