हर साल 15 अगस्त को पूरा भारत स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जो 1947 में ब्रिटिश शासन से मिली आज़ादी की याद दिलाता है। यह केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, बल्कि त्याग, बलिदान और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है। इस दिन हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने भारत को आज़ाद कराने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

भारत की आज़ादी का ऐतिहासिक सफर

भारत लगभग 200 सालों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा। इस दौरान देश ने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलाव देखे, लेकिन साथ ही शोषण और अन्याय भी झेले।

19वीं और 20वीं सदी में स्वतंत्रता आंदोलन तेज हुआ। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महान नेताओं ने पूरे देश को एकजुट कर स्वतंत्रता की लड़ाई को मजबूत किया।

महत्वपूर्ण आंदोलनों में असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) ने ब्रिटिश सत्ता को कमजोर किया। अंततः भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम जुलाई 1947 में पारित हुआ और भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली।

15 अगस्त की तारीख का चयन क्यों हुआ

15 अगस्त की तारीख का चयन लॉर्ड माउंटबेटन ने किया, जो भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय थे। यह दिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ भी था।

भारत का विभाजन

आज़ादी के साथ ही भारत का विभाजन हुआ और भारत तथा पाकिस्तान दो अलग देशों के रूप में अस्तित्व में आए। इस विभाजन ने बड़े पैमाने पर पलायन, हिंसा और जनहानि को जन्म दिया।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व

स्वतंत्रता दिवस हमें एकता, लोकतंत्र और स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता है। यह दिन हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों को निभाने और देश की प्रगति में योगदान करने की प्रेरणा देता है।

उत्सव

ध्वजारोहण समारोह

दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और राष्ट्र को संबोधित किया जाता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

स्कूल, कॉलेज और संस्थान देशभक्ति गीत, नृत्य और नाटक प्रस्तुत करते हैं, जो भारत की संस्कृति और गौरव को दर्शाते हैं।

शहीदों को श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारकों पर फूल अर्पित किए जाते हैं और उनके योगदान को याद किया जाता है।

देशभक्ति सजावट

घर, कार्यालय और सार्वजनिक स्थान त्रिरंगा रंगों से सजाए जाते हैं। पतंगबाजी भी कई राज्यों में लोकप्रिय परंपरा है।

आधुनिक दौर में स्वतंत्रता दिवस

आज के समय में, स्वतंत्रता दिवस न केवल अतीत को याद करने का अवसर है, बल्कि विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्र में देश की प्रगति पर गर्व करने का भी दिन है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव कार्यक्रम और सोशल मीडिया कैंपेन के माध्यम से देश-विदेश के लोग इस उत्सव में शामिल होते हैं।

विदेशों में भारतीय समुदाय द्वारा उत्सव

विदेशों में बसे भारतीय ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनियों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिससे उनका भारत से जुड़ाव और मजबूत होता है।

रोचक तथ्य

  • पहला भाषण: पंडित जवाहरलाल नेहरू का “नियति से तिथि” भाषण 14–15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को दिया गया।
  • राष्ट्रीय ध्वज: तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया।
  • पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह: विभाजन के कारण सीमित कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।

स्वतंत्रता दिवस उद्धरण

  1. “स्वतंत्रता मुफ्त नहीं थी – यह खून, पसीने और बलिदान से खरीदी गई है।”
  2. “हमारा तिरंगा हवा के कारण नहीं लहराता, यह उन वीरों की आखिरी सांसों से लहराता है जिन्होंने इसकी रक्षा में प्राण दिए।”
  3. “स्वतंत्रता कोई उपहार नहीं, यह एक ज़िम्मेदारी है जिसे हमें हर दिन निभाना है।”
  4. “हम आज़ाद हैं क्योंकि वे बहादुर थे।”
  5. “किसी राष्ट्र की ताकत उसके धन में नहीं, बल्कि उसके लोगों के प्रेम और बलिदान में होती है।”
  6. “उन्होंने अपना आज हमारे कल के लिए दिया – उनके बलिदान को कभी मत भूलना।”
  7. “आसमान में तिरंगा, दिल में गर्व और आत्मा में एकता – यही भारत है।”
  8. “स्वतंत्रता आत्मा की ऑक्सीजन है, और भारत इसे गर्व के साथ सांस लेता है।”
  9. “आप किसी व्यक्ति को जकड़ सकते हैं, लेकिन स्वतंत्रता के सपने को नहीं।”
  10. “हमारे शहीदों का खून वह स्याही है जिससे हमारी स्वतंत्रता लिखी गई है।”

निष्कर्ष

भारत का स्वतंत्रता दिवस हमें उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाई। यह हमें एक मजबूत, एकजुट और समृद्ध भारत बनाने के लिए प्रेरित करता है।

Also Read:
Download Khan Global Studies App for Mobile
Download Khan Global Studies App for All Competitive Exam Preparation
Shares: