विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 3 मई को मनाया जाता है। यह दिन प्रेस की स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों को सम्मानित करने, वैश्विक स्तर पर मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति की समीक्षा करने, स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा करने और उन पत्रकारों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने सच्चाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

यह दिन सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है और मीडिया पेशेवरों को उनकी भूमिका, जिम्मेदारियों और नैतिकता पर विचार करने का अवसर देता है।

स्थापना का इतिहास

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 1993 में घोषित किया था, जब यूनेस्को के आम सम्मेलन ने इसकी सिफारिश की थी।

3 मई की तिथि को विंडहुक घोषणा (Windhoek Declaration) की वर्षगांठ के रूप में चुना गया था। यह घोषणा 1991 में नामीबिया के विंडहुक शहर में अफ्रीकी पत्रकारों द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर की गई थी।

यूनेस्को/गिलर्मो कैनो विश्व प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार

  • यूनेस्को/गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज़ की शुरुआत 1997 में हुई थी।
  • यह पुरस्कार उन व्यक्तियों, संस्थानों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
  • यह पुरस्कार कोलंबियाई पत्रकार गिलर्मो कैनो इसाजा की स्मृति में दिया जाता है, जिनकी 1986 में हत्या कर दी गई थी।
  • यह पुरस्कार हर साल 3 मई को प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है।

वार्षिक थीम और वैश्विक आयोजन

हर साल यूनेस्को द्वारा एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता के समकालीन मुद्दों पर चर्चा की जाती है।

  • प्रत्येक वर्ष की एक विशिष्ट थीम होती है:
    • 2023 – “अधिकारों का भविष्य गढ़ना: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी मानव अधिकारों की नींव”
    • 2024 – “पर्यावरण संकट के सामने पत्रकारिता: ग्रह के लिए एक प्रेस”
    • 2025 – “साहसी नए युग में रिपोर्टिंग: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रेस स्वतंत्रता पर प्रभाव”

प्रेस स्वतंत्रता का महत्व

प्रेस स्वतंत्रता लोकतंत्र की आधारशिला है। यह नागरिकों को सूचित रखने, सरकारों को जवाबदेह बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायक है।

इस दिन:

  • प्रेस स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है।
  • पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया जाता है।
  • पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में पहल की जाती है।

पत्रकारों को श्रद्धांजलि

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस उन पत्रकारों को याद करने और सम्मानित करने का दिन भी है जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जान गंवाई।

यह हमें यह भी याद दिलाता है कि स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता के लिए कितनी चुनौतियाँ और बलिदान होते हैं।

निष्कर्ष

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि एक आह्वान है – एक ऐसी दुनिया के लिए जिसमें पत्रकार बिना डर के सच्चाई सामने ला सकें।

यह लोकतंत्र, मानवाधिकारों और पारदर्शिता की रक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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