हर साल भारत में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जाता है। यह दिन देशभर में डेंगू बुखार के प्रति जागरूकता फैलाने, इससे बचाव के उपायों को बढ़ावा देने और समय पर उपचार की अहमियत बताने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जैसे-जैसे भारत में शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन तेज़ी से बढ़ रहे हैं, डेंगू के मामलों में भी साल-दर-साल वृद्धि देखी जा रही है। इस परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय डेंगू दिवस एक जरूरी कदम बन गया है ताकि समय रहते इस बीमारी को रोका जा सके।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस कब मनाया जाता है?

  • तिथि: 16 मई 2025
  • आयोजक संस्था: भारत सरकार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
  • थीम 2025: “जल्दी कार्रवाई करें, डेंगू रोकें: स्वच्छ वातावरण, स्वस्थ जीवन”

डेंगू क्या है?

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो Aedes aegypti मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटता है, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय। डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं: DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4। एक ही व्यक्ति इन चारों में से किसी से भी संक्रमित हो सकता है, और दूसरी बार किसी अलग प्रकार से संक्रमण होने पर गंभीर डेंगू (डेंगू हैमरेजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम) का खतरा बढ़ जाता है।

डेंगू के लक्षण (Dengue Symptoms)

डेंगू के लक्षण आम तौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। लक्षण हल्के से गंभीर हो सकते हैं:

  • सामान्य लक्षण:
    • तेज बुखार (104°F या 40°C तक)
    • सिरदर्द
    • आंखों के पीछे दर्द
    • मांसपेशियों और जोड़ो में तेज़ दर्द (जिसे “ब्रेकबोन फीवर” भी कहा जाता है)
    • थकावट और कमजोरी 
    • स्किन पर रैश
    • मतली और उल्टी
    • नाक या मसूड़ों से हल्का रक्तस्राव
  • गंभीर डेंगू (Dengue Hemorrhagic Fever) के लक्षण:
    • प्लेटलेट्स की संख्या में तेज़ गिरावट
    • ब्लड प्रेशर का गिरना
    • अत्यधिक रक्तस्राव
    • भ्रम या बेचैनी
    • अंगों का काम करना बंद कर देना (अत्यंत गंभीर मामलों में)

डेंगू का संचरण चक्र (Transmission Cycle)

  • डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है, न कि सीधे इंसान से इंसान। चक्र इस प्रकार होता है:
    • जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वह वायरस को अवशोषित कर लेता है।
    • वायरस मच्छर के शरीर में 8-12 दिनों तक पनपता है।
    • इसके बाद वह मच्छर जीवन भर वायरस का वाहक बन जाता है।
    • वह किसी अन्य व्यक्ति को काटता है और वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कराता है।

भारत में डेंगू की स्थिति

  • प्रमुख आँकड़े:
    • 2023: 2,89,235 मामले और 485 मौतें
    • 2024: 2,33,000+ मामले और 236 मौतें
  • राज्यों की स्थिति:
    • उत्तर प्रदेश: 2023 में 35,402 मामले और 36 मौतें
    • गुजरात: 2024 में 7,222 मामले; 2023 में 6,682 मामले
  • बढ़ने के कारण:
    • जलवायु परिवर्तन और असामान्य वर्षा
    • शहरीकरण और खराब जल निकासी व्यवस्था
    • जनजागरूकता की कमी

डेंगू से बचाव के उपाय (Dengue Prevention Measures)

  • डेंगू का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन उचित देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। रोकथाम के लिए:
    • घर और आसपास के क्षेत्र में सफाई रखें।
    • पानी जमा न होने दें।
    • मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें।
    • फुल बाजू के कपड़े पहनें।
    • बर्तन और टायर जैसे कंटेनरों को ढककर रखें।

भारत सरकार की पहल: डेंगू रोकथाम कार्यक्रम

  • भारत में डेंगू की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के अंतर्गत कई पहल की जा रही हैं:
    • सर्विलांस हॉस्पिटल्स: 805 अस्पतालों को उन्नत डायग्नोस्टिक सुविधाओं से जोड़ा गया है।
    • ELISA टेस्ट किट: राज्यों में स्टैंडर्ड टेस्टिंग के लिए नि:शुल्क वितरित की जाती है।
    • सक्रिय निगरानी: संभावित प्रकोप की पहचान के लिए नियमित निगरानी की जाती है।
    • ट्रेनिंग कार्यक्रम: सरकारी अधिकारियों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं।
    • जन-जागरूकता अभियान: स्कूल, कॉलेज और पंचायतों में जागरूकता फैलाने हेतु कैंपेन चलाए जाते हैं।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 की थीम और उद्देश्य

  • थीम: “जल्दी कार्रवाई करें, डेंगू रोकें: स्वच्छ वातावरण, स्वस्थ जीवन” इस थीम का उद्देश्य है:
    • लोगों को शुरुआती लक्षण पहचानने और तत्काल डॉक्टर से संपर्क करने के लिए प्रेरित करना।
    • गंदगी और स्थिर पानी को हटाकर मच्छरों की उत्पत्ति रोकना।
    • समुदाय आधारित भागीदारी को बढ़ावा देना।
    • स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाना।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस का महत्व

  • पूर्व-मॉनसून चेतावनी: यह दिन मानसून से पहले की सावधानी के रूप में मनाया जाता है।
  • जन-जागरूकता: लोगों को लक्षण, उपचार और रोकथाम के बारे में जानकारी देना।
  • सामुदायिक भागीदारी: “ड्राई डे” जैसी मुहिम द्वारा पानी जमा होने से रोकना।
  • स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूती देना: समय पर इलाज और बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देना।
  • शिक्षण संस्थानों की भागीदारी: स्कूली बच्चों और युवाओं को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1: डेंगू केवल मानसून में ही होता है क्या?
उत्तर: डेंगू के मामले मानसून और उसके बाद ज्यादा होते हैं क्योंकि इस समय मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण होता है, लेकिन सही सावधानी न बरती जाए तो अन्य मौसमों में भी इसका खतरा बना रहता है।

प्रश्न 2: डेंगू का इलाज घर पर किया जा सकता है क्या?
उत्तर: हल्के मामलों में डॉक्टर की सलाह लेकर घर पर देखभाल की जा सकती है, लेकिन प्लेटलेट्स कम होने, बुखार बढ़ने या रक्तस्राव जैसे गंभीर लक्षण हों तो अस्पताल में भर्ती आवश्यक है।

प्रश्न 3: क्या डेंगू एक बार होने के बाद दोबारा नहीं होता?
उत्तर: डेंगू के चार प्रकार होते हैं, और एक प्रकार से संक्रमित होने पर उसी प्रकार से तो प्रतिरक्षा मिलती है लेकिन बाकी तीन से संक्रमण का खतरा बना रहता है।

प्रश्न 4: डेंगू से बचने के लिए सबसे जरूरी कदम क्या है?
उत्तर: साफ-सफाई और मच्छर के काटने से बचाव सबसे जरूरी कदम है। घर के आसपास पानी जमा न होने देना डेंगू की रोकथाम की पहली शर्त है।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 केवल एक जागरूकता दिवस नहीं बल्कि एक सामूहिक प्रयास की पुकार है। “जल्दी कार्रवाई करें, डेंगू रोकें” का संदेश लेकर यह दिन हमें याद दिलाता है कि डेंगू को समय पर पहचानकर और रोकथाम के उपाय अपनाकर हम न केवल खुद को बल्कि पूरे समुदाय को इस जानलेवा बीमारी से बचा सकते हैं।

हमें चाहिए कि इस एक दिन के प्रयास को सालभर की आदत बनाएं — स्वच्छता को प्राथमिकता दें, जानकारी साझा करें, और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक बनाएं। एक साथ मिलकर ही हम डेंगू-मुक्त भारत का सपना साकार कर सकते हैं।

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