हर साल 25 अप्रैल को राष्ट्रीय टेलीफोन दिवस मनाया जाता है, जो हमें टेलीफोन के आविष्कार और संचार में हुई क्रांति की याद दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य सिर्फ अलेक्जेंडर ग्राहम बेल जैसे महान वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि देना ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नवाचार और विज्ञान की ओर प्रेरित करना भी है।

टेलीफोन दिवस का इतिहास

टेलीफोन का आविष्कार 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने किया था। उन्होंने पहली बार अपने सहायक थॉमस वॉटसन को यह शब्द कहे:

“Mr. Watson, come here, I want to see you.”

यहीं से इंसानी इतिहास में संचार का नया युग शुरू हुआ। आज, मोबाइल फोन और लैंडलाइन ने पूरी दुनिया को जोड़ दिया है।

हालांकि अलेक्जेंडर बेल का दिन 7 मार्च को मनाया जाता है, लेकिन 25 अप्रैल को हम टेलीफोन जैसे अद्भुत आविष्कार के लिए उन सभी वैज्ञानिकों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने इंसान की आवाज़ को दूर तक पहुंचाने का सपना सच किया।

“हैलो” नहीं, पहले बोला जाता था “अहोय”

आज हम फोन उठाते ही सबसे पहले “हैलो” कहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुरुआत में ऐसा नहीं था?

एक मिथक यह भी है कि “हैलो” शब्द ग्राहम बेल ने अपनी गर्लफ्रेंड के नाम पर रखा था — जो कि सच्चाई नहीं है।

असल में, 19वीं सदी में जब टेलीफोन का आविष्कार हुआ, तब कॉल की शुरुआत में लोग अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करते थे। तब लोग फोन पर बात की शुरुआत करने के लिए “हैलो” नहीं, बल्कि “अहोय” (Ahoy) कहा करते थे। यह शब्द आमतौर पर नाविकों द्वारा एक-दूसरे को पुकारने के लिए इस्तेमाल होता था।

अलेक्जेंडर ग्राहम बेल, जिन्होंने टेलीफोन का आविष्कार किया, उन्होंने भी फोन पर बात शुरू करने के लिए “हैलो” नहीं बल्कि “अहोय” शब्द का प्रयोग करने की सिफारिश की थी।

लेकिन “हैलो” शब्द को सबसे ज्यादा लोकप्रियता मिली। ऐसा कहा जाता है कि यह थॉमस एडिसन थे जिन्होंने सुझाव दिया कि फोन पर बातचीत की शुरुआत “हैलो” से होनी चाहिए, क्योंकि यह एक स्पष्ट और सरल शब्द है जिसे कोई भी आसानी से समझ सकता है। धीरे-धीरे यह शब्द टेलीफोन पर अभिवादन का मानक बन गया।

टेलीफोन का सफर: 1600 से आज तक

  1. 1600 का दशक – शुरुआती प्रयोग
    • हालाँकि टेलीफोन का आधिकारिक आविष्कार 19वीं सदी में माना जाता है, लेकिन इसकी झलकें बहुत पहले देखने को मिल चुकी थीं। 1672 में रॉबर्ट हूक नामक वैज्ञानिक ने ध्वनि को तारों के माध्यम से भेजने का प्रयोग किया, जिसे उन्होंने “ईयर ट्रम्पेट” कहा। यह पहला प्राचीन टेलीफोन था, जो आज के टेलीफोन का शुरुआती रूप माना जा सकता है।
  2. 1800 का दशक – ग्राहम बेल और असली शुरुआत
    • 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने एक ऐसा उपकरण बनाया जिससे एक जगह से दूसरी जगह आवाज़ भेजी जा सके। उन्होंने इसका पेटेंट भी करवाया, इसलिए उन्हें आधुनिक टेलीफोन का जनक माना जाता है।
    • उनका परिवार भाषण और श्रवण से जुड़ा था – उनके पिता और दादा अच्छे वक्ता थे, और उनकी पत्नी व माँ दोनों ही बधिर थीं। इसी पृष्ठभूमि ने उन्हें ध्वनि पर काम करने के लिए प्रेरित किया।
    • 1877 में बेल ने अपनी टेलीफोन कंपनी बनाई और जल्द ही अमेरिका में पहली रिहायशी टेलीफोन लाइन बिछाई गई।
  3. 1900–1959 – लंबी दूरी की कॉल और नई तकनीकें
    • 1915 में पहली बार न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को के बीच ट्रांसकॉन्टिनेंटल कॉल हुई।
    • 1919 में रोटरी डायल फोन आया, जिससे लोग खुद नंबर डायल कर सके।
    • 1927 में पहला हैंडसेट बना, जिसमें सुनने और बोलने के दोनों हिस्से एक साथ थे।
    • 1947 में क्षेत्रीय कोड सिस्टम शुरू हुआ।
  4. 1960–1979 – डायरेक्ट डायलिंग और 911
    • 1961 में बिना ऑपरेटर के सीधे लंबी दूरी की कॉल संभव हुई।
    • 1963 में पुश-बटन फोन आया और 1965 में “ट्रिमलाइन” डिजाइन लोकप्रिय हुआ।
    • 1968 में पहली बार अमेरिका में 911 नंबर का इस्तेमाल इमरजेंसी के लिए किया गया।
  5. 1980–1999 – वायरलेस युग की शुरुआत
    • 1984 में पहला मोबाइल फोन बाजार में आया, जिसकी कीमत करीब $4000 थी और वज़न 1.75 पाउंड।
    • 1990 के दशक में कॉल वेटिंग, कॉलर आईडी और उत्तरदाता मशीन (Answering Machine) आम हो गईं।
    • 1995 तक, अमेरिका में 33.8 मिलियन मोबाइल उपभोक्ता थे और टेक्स्ट मैसेजिंग भी शुरू हो चुकी थी।
  6. 2000–2019 – स्मार्टफोन युग
    • 2007 में पहला iPhone आया और टेलीफोन तकनीक में क्रांति आ गई। अब फोन सिर्फ कॉल करने का माध्यम नहीं रहा, वह कैमरा, इंटरनेट और एप्लिकेशन का केंद्र बन गया।
    • 2013 में, स्मार्टफोन की बिक्री फीचर फोन से ज्यादा हो गई।
    • फोनबुक अब फोन में सुरक्षित थी, लेकिन आज भी हम कुछ नंबर स्वाभाविक रूप से याद रखते हैं।
  7. 2020–2023 – महामारी में वापसी
    • कोविड-19 के समय वीडियो कॉलिंग के बढ़ते तनाव के बीच, साधारण कॉलिंग फिर से लोकप्रिय हुई। लोगों ने महसूस किया कि आवाज़ के माध्यम से जुड़ाव कितना जरूरी है। इसे “फोन कॉल रिनेसां” कहा गया।
  8. 2024 और आगे – भविष्य की झलक
    • आज औसतन एक व्यक्ति दिन में 4.5 घंटे से ज्यादा मोबाइल पर बिताता है।
    • भविष्य में मोबाइल और भी अधिक पर्सनल और स्मार्ट होंगे – शायद बिना स्क्रीन, फोल्डेबल या पूरी तरह वॉइस कमांड पर आधारित।
    • पुराने रेट्रो फोन भी फिर से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं – जैसे चीज़बर्गर लुक वाला फोन!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्र.1: राष्ट्रीय टेलीफोन दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: यह हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है।

प्र.2: टेलीफोन का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर: टेलीफोन का आविष्कार अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने 1876 में किया था।

प्र.3: कॉल पर “हैलो” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: थॉमस एडिसन ने सुझाव दिया था कि “हैलो” एक स्पष्ट और सामान्य अभिवादन है, इसलिए इसे कॉल की शुरुआत में अपनाया गया।

प्र.4: क्या आज के युग में टेलीफोन कॉल का कोई महत्व है?
उत्तर: हां, भावनात्मक जुड़ाव, स्पष्ट बातचीत और रिश्तों को बनाए रखने के लिए टेलीफोन कॉल आज भी बेहद खास हैं।

निष्कर्ष:

टेलीफोन ने इंसानी संचार को पूरी तरह बदल दिया है – 1672 की एक पतली वायर से शुरू होकर आज स्मार्टफोन तक, जिसने पूरी दुनिया को हमारी जेब में ला दिया है।

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