तेलंगाना स्थापना दिवस 2025 को पूरे राज्य में 2 जून 2025 को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन उस ऐतिहासिक क्षण को दर्शाता है जब तेलंगाना को भारत का 29वां राज्य घोषित किया गया था। यह दिवस उन सभी संघर्षों, बलिदानों और सपनों की पूर्ति का प्रतीक है जो दशकों तक इस क्षेत्र की जनता ने देखे थे।

तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस: महत्व और उत्सव

तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस केवल एक सार्वजनिक अवकाश नहीं है, यह राज्य की पहचान, संस्कृति और आत्मसम्मान का पर्व है। यह दिन उन सभी नेताओं और शहीदों को समर्पित है जिन्होंने तेलंगाना आंदोलन में अहम भूमिका निभाई।

राज्य भर में भव्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिनमें मुख्य समारोह हैदराबाद में आयोजित किया जाता है। मुख्य गतिविधियों में शामिल हैं:

  • राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा झंडा फहराना।
  • सांस्कृतिक प्रस्तुतियां जिसमें नृत्य, संगीत और लोककला शामिल होती है।
  • साहित्य, शिक्षा, और सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मान।
  • स्कूली बच्चों और पुलिस के द्वारा परेड।

तेलंगाना राज्य की स्थापना का इतिहास

तेलंगाना के अलग राज्य की मांग 1948 से चली आ रही थी, जब हैदराबाद राज्य को भारत में शामिल किया गया। 1956 में आंध्र प्रदेश के गठन के बाद तेलंगाना क्षेत्र को इसमें शामिल किया गया, लेकिन विकास, नौकरियों और जल संसाधनों के असमान बंटवारे को लेकर असंतोष उत्पन्न हुआ।

2001 में के. चंद्रशेखर राव (KCR) के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के गठन के साथ आंदोलन को नई दिशा मिली। 2014 में भारत सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पारित करने के बाद, 2 जून 2014 को तेलंगाना को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

तेलंगाना स्थापना दिवस 2025 की थीम और कार्यक्रम

हर वर्ष तेलंगाना सरकार इस दिन के लिए एक खास थीम घोषित करती है। 2025 की थीम की घोषणा जल्द ही की जाएगी, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह डिजिटल विकास, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित होगी।

प्रमुख कार्यक्रम:

  • रंगारंग झांकियां और रैलियां।
  • तेलंगाना के इतिहास और संस्कृति पर प्रदर्शनियां।
  • पेरिनी शिवतांडव, लंबाड़ी नृत्य जैसे लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां।
  • राज्य की सेवा में योगदान देने वाले लोगों का सम्मान।
  • लाइट और फायरवर्क शो का आयोजन।

तेलंगाना की सांस्कृतिक विरासत

इस राज्य की संस्कृति तेलुगु परंपराओं और दक्कन की विरासत का सुंदर मेल है। यहां की भाषा, नृत्य, संगीत, खानपान और त्योहार इसे भारत के सबसे समृद्ध सांस्कृतिक क्षेत्रों में शामिल करते हैं।

प्रमुख सांस्कृतिक तत्व:

  • भाषा: तेलुगु (मुख्य भाषा), उर्दू, हिंदी और अंग्रेज़ी का भी प्रयोग।
  • लोककलाएं: बथुकम्मा, बोनालु, ओग्गु कथा, लंबाड़ी नृत्य।
  • खानपान: हैदराबादी बिरयानी, साज्जा रोट्टे, सारु, कोड़ी कूरा।
  • हस्तशिल्प: निर्मल पेंटिंग्स, करीमनगर की सिल्वर फिलिग्री, बीदरी वर्क।

स्थापना दिवस के अवसर पर लोककला, संगीत समारोह, और पारंपरिक वेशभूषा का भव्य प्रदर्शन होता है।

क्षेत्रफल और प्रशासनिक ढांचा

तेलंगाना का कुल क्षेत्रफल 1,12,077 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के बड़े राज्यों में शामिल होता है। यह राज्य चार ओर से भूमि से घिरा है और इसकी सीमाएं महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से मिलती हैं।

प्रशासनिक विवरण:

  • राजधानी: हैदराबाद
  • जिलों की संख्या: 33 (2025 तक)
  • आधिकारिक भाषा: तेलुगु
  • प्रमुख नदियां: गोदावरी और कृष्णा
  • प्रमुख फसलें: धान, कपास, मक्का, दालें

तेलंगाना के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

यह राज्य ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक और आधुनिक स्थलों से भरा पड़ा है। यहाँ के स्मारक, किले, मंदिर और फिल्म सिटी दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

  1. चारमीनार, हैदराबाद: 1591 में बना यह स्मारक हैदराबाद की पहचान है और इसकी वास्तुकला अद्वितीय है।
  2. गोलकोंडा किला: तेलंगाना का ऐतिहासिक धरोहर, जिसमें रात के समय लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाता है।
  3. रामप्पा मंदिर, वारंगल: UNESCO विश्व धरोहर स्थल, जो काकतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
  4. नागार्जुन सागर बांध: दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर का बांध, जिसमें नौकायन और नागार्जुनकोंडा घूमना एक सुंदर अनुभव है।
  5. भद्रकाली मंदिर, वारंगल: चालुक्य काल में बना यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  6. कुंतला जलप्रपात: तेलंगाना का सबसे ऊँचा जलप्रपात, विशेषकर मानसून में यह स्थल अत्यंत सुंदर हो जाता है।
  7. रामोजी फिल्म सिटी: 2,000 एकड़ में फैली यह फिल्म सिटी दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म स्टूडियो परिसर है।

तेलंगाना की आर्थिक प्रगति

तेलंगाना ने राज्य बनने के बाद अर्थव्यवस्था, तकनीक, कृषि और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय प्रगति की है।

प्रमुख विकास कार्य:

  • हैदराबाद का IT हब के रूप में उभरना।
  • मिशन भागीरथ: हर घर जल योजना।
  • कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना।
  • TS-iPASS: औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तेज़ मंजूरी प्रणाली।

राज्य का प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यह व्यवसाय करने के लिए सर्वोत्तम राज्यों में शामिल है।

निष्कर्ष: तेलंगाना की विकास यात्रा

तेलंगाना स्थापना दिवस 2025 न केवल राज्य की ऐतिहासिक उपलब्धियों की याद दिलाता है, बल्कि यह उसकी वर्तमान प्रगति और उज्ज्वल भविष्य का उत्सव भी है। यह दिन संस्कृति, एकता और जनशक्ति का उत्सव है।

तेलंगाना की यात्रा हमें यह सिखाती है कि आशा, संघर्ष और नेतृत्व के बल पर कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

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