हर वर्ष मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह दिवस 6 मई को मनाया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य अस्थमा के प्रति जागरूकता फैलाना, इसके लक्षणों, रोकथाम और उपचार के बारे में जानकारी देना है।
इतिहास और महत्व
विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत 1998 में हुई थी, जब Global Initiative for Asthma (GINA) ने इसे पहली बार बार्सिलोना, स्पेन में आयोजित किया था। तब से यह दिवस दुनिया भर में अस्थमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
अस्थमा एक क्रॉनिक (दीर्घकालिक) रोग है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2019 में दुनिया भर में 26.2 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित थे, और 4.55 लाख लोगों की मृत्यु अस्थमा के कारण हुई थी। भारत में अस्थमा का बोझ सबसे अधिक है, जहां 3.4 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं, जो वैश्विक अस्थमा जनसंख्या का केवल 13% है, लेकिन वैश्विक अस्थमा मृत्यु दर का 42% हिस्सा है ।
2025 की थीम
- इस वर्ष की थीम “सभी के लिए अस्थमा देखभाल” है, जिसका उद्देश्य है:
- पल्मोनोलॉजिस्ट्स को नवीनतम जानकारी प्रदान करना।
- नि:शुल्क अस्थमा स्क्रीनिंग क्लीनिक आयोजित करना।
- अस्थमा नियंत्रण और अस्पताल में भर्ती के प्रभाव के बारे में रेडियो विज्ञापन बनाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक, शिक्षा और उपचार के लिए बस टूर आयोजित करना।
- स्कूलों में बच्चों को पीक फ्लो मीटर परीक्षण के माध्यम से शिक्षित करना।
- स्थानीय अस्पतालों में अस्थमा से संबंधित जानकारी प्रदर्शित करना।
- अस्थमा क्लीनिक जानकारी के साथ एक जानकारीपूर्ण वेबसाइट बनाना।
- स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया को अस्थमा के बोझ, अस्पताल में भर्ती और नियंत्रण के बारे में सूचित करना।
- अस्थमा से पीड़ित राजनेताओं और हस्तियों को समर्थन के लिए आमंत्रित करना।
- स्थानीय हस्तियों और अस्थमा रोगियों को वॉक, रन, स्विम और सॉकर गेम्स में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना ।
अस्थमा की रोकथाम
अस्थमा से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- धूल, धुआं, परागकण और पालतू जानवरों के बाल जैसे ट्रिगर्स से बचाव।
- धूम्रपान और सेकेंडहैंड स्मोक से दूर रहना।
- ठंडी हवा और तेज़ गंधों से बचना।
- घर को साफ और धूल-मुक्त रखना।
- नियमित रूप से टीकाकरण कराना, जैसे न्यूमोनिया, इन्फ्लुएंजा आदि के लिए।
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का नियमित सेवन करना ।
भारत में अस्थमा की स्थिति
भारत में अस्थमा के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कम और मध्यम आय वाले देशों में इनहेल्ड दवाओं की उपलब्धता की कमी के कारण अस्थमा से होने वाली 90% से अधिक मौतें इन्हीं देशों में होती हैं ।
FAQs
प्रश्न 1: अस्थमा क्या है?
उत्तर: अस्थमा एक क्रॉनिक श्वसन रोग है जिसमें वायुमार्ग में सूजन और संकुचन होता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है।
प्रश्न 2: अस्थमा के लक्षण क्या हैं?
उत्तर: सांस की तकलीफ, खांसी, सीने में जकड़न और घरघराहट इसके सामान्य लक्षण हैं।
प्रश्न 3: क्या अस्थमा का इलाज संभव है?
उत्तर: अस्थमा का पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन उचित दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 4: अस्थमा के ट्रिगर्स क्या हैं?
उत्तर: धूल, धुआं, परागकण, पालतू जानवरों के बाल, ठंडी हवा और तेज़ गंध इसके सामान्य ट्रिगर्स हैं।
प्रश्न 5: अस्थमा से बचाव कैसे किया जा सकता है?
उत्तर: ट्रिगर्स से बचाव, नियमित दवा सेवन, घर की सफाई और टीकाकरण से अस्थमा से बचाव संभव है।
निष्कर्ष:
विश्व अस्थमा दिवस अस्थमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन के माध्यम से हम अस्थमा रोगियों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और समाज में इसकी समझ बढ़ा सकते हैं।