विश्व पुस्तक दिवस, जिसे विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के नाम से भी जाना जाता है, प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पुस्तकों के महत्व को उजागर करना, पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना, लेखकों, प्रकाशकों और पाठकों को एक साझा मंच देना और कॉपीराइट कानून के प्रति जागरूकता फैलाना है।

📜विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस का इतिहास

विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास साहित्य प्रेम, ज्ञान की विरासत और लेखकों के अधिकारों को सम्मान देने से जुड़ा हुआ है। इस दिवस की नींव 1920 के दशक में स्पेन से जुड़ी है।

  1. 📚 शुरुआत का विचार
    • इस विशेष दिवस का प्रारंभिक विचार 1922 में बार्सिलोना (स्पेन) के एक उत्साही प्रकाशक विसेंते क्लावेल आंद्रेस ने प्रस्तुत किया। उनका उद्देश्य था कि एक ऐसा दिन मनाया जाए जो महान लेखक मिगुएल डे सर्वांतेस(स्पेनिश लेखक) को सम्मानित करे और साथ ही पुस्तकों की बिक्री को भी बढ़ावा मिले।
    • पहली बार यह आयोजन 7 अक्टूबर 1926 को सर्वांतेस के जन्मदिन पर हुआ, लेकिन बाद में इसे उनकी मृत्यु तिथि 23 अप्रैल पर स्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया।
  2. 📖 यूनेस्को की आधिकारिक मान्यता
    • 1995 में, यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के रूप में औपचारिक मान्यता दी। इस दिन को चुनने का मुख्य कारण यह था कि इसी दिन मिगुएल डे सर्वांतेस(स्पेनिश लेखक), विलियम शेक्सपियर(अंग्रेज़ी साहित्य के महान नाटककार), और इनका गार्सिलासो डे ला वेगा जैसे साहित्य के दिग्गजों की पुण्यतिथि भी है।
    • यह दिन न केवल साहित्य को सम्मान देने के लिए है, बल्कि लेखकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों को संरक्षण देने की प्रेरणा भी है।

🌍 विश्व पुस्तक दिवस का वैश्विक महत्व

यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो लोगों को साहित्य, शिक्षा और सृजनात्मकता से जोड़ता है।

आज के डिजिटल युग में भी पुस्तकों की अहमियत को बनाए रखने के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण बन जाता है।

  • किताबें विचारों का पुल बनती हैं — यह दिन विविध संस्कृतियों के बीच संवाद को बढ़ावा देने का भी माध्यम है।

📖 ‘विश्व पुस्तक राजधानी’ की संकल्पना

यूनेस्को हर साल एक शहर को “World Book Capital” घोषित करता है, जो पूरे वर्षभर पुस्तकों और पढ़ाई को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम आयोजित करता है।

  • 2024 की विश्व पुस्तक राजधानी: स्ट्रासबर्ग (Strasbourg), फ्रांस
  • पहली विश्व पुस्तक राजधानी: मैड्रिड (Madrid), 2001
  • 2025 की विश्व पुस्तक राजधानी: रियो डी जेनेरियो (ब्राजील)
  • इस पहल का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर पुस्तक संस्कृति को फैलाना है।
  • चयन समिति में यूनेस्को के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक, पुस्तकालय संघ, लेखकों और पुस्तक विक्रेताओं के संगठन शामिल होते हैं।

📚 विश्व पुस्तक दिवस: विभिन्न देशों में कैसे मनाया जाता है?

  1. भारत: यहाँ यह दिन विद्यालयों, महाविद्यालयों, पुस्तकालयों और साहित्यिक संस्थानों में विविध गतिविधियों के साथ मनाया जाता है, जैसे:
    • पुस्तक प्रदर्शनियाँ
    • लेखक-पाठक संवाद
    • पुस्तक दान अभियान
    • निबंध लेखन और कविता पाठ
    • वाचन प्रतियोगिताएं
  2. यूके और आयरलैंड: यहाँ यह दिवस मार्च के पहले गुरुवार को World Book Day के रूप में मनाया जाता है, जहाँ विशेष बच्चों की किताबें जारी की जाती हैं।
    • 23 अप्रैल को World Book Night मनाई जाती है जिसमें वयस्कों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  3. स्वीडन: यह दिन “Världsbokdagen” के नाम से जाना जाता है, और कभी-कभी ईस्टर से टकराव के कारण इसकी तारीख को समायोजित किया जाता है।
  4. संयुक्त राज्य अमेरिका: मेरीलैंड के केन्सिंग्टन में 23 अप्रैल के पासवाले रविवार को “International Day of the Book” नाम से स्ट्रीट फेस्टिवल होता है।
  5. स्पेन और कैटालोनिया: यहाँ यह उत्सव Sant Jordi’s Day के साथ मनाया जाता है। परंपरा के अनुसार पुरुष महिलाओं को गुलाब भेंट करते हैं और महिलाएं उन्हें पुस्तक देती हैं। यह दिन वहां किताबों और गुलाब का दिन कहलाता है।

विश्व पुस्तक दिवस का सामाजिक और शैक्षिक प्रभाव

  • बच्चों और युवाओं में पठन-पाठन की रुचि को बढ़ावा देता है।
  • ज्ञान, सृजनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को विकसित करता है।
  • डिजिटल युग में भी किताबों के महत्व को पुनः स्थापित करता है।
  • समाज में विचारों के आदान-प्रदान, सहिष्णुता और विविधता को प्रोत्साहन देता है।
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